जानिए, डेंगू बुखार के लक्षण और जांच का तरीका, इससे खुद की सुरक्षा कर सकेंगे

जानिए, डेंगू बुखार के लक्षण और जांच का तरीका, इससे खुद की सुरक्षा कर सकेंगे

सेहतराग टीम

मौसम के बदलते ही हमारे शरीर को कई तरह के रोग घेरने लगते हैं। वहीं जैसे ही मानसून आता है वैसे ही मच्छरों की संख्या बढ़ने लगती है। ऐसी स्थिति में मच्छरों से होने वाले रोगों की संख्या भी बढ़ जाती है। वहीं डेंगू भी मच्छरों के काटने से फैलता है। हर रोज इससे परेशान होने वालों मरीजों की संख्या मे बढ़ोत्तरी होती रहती है। आंकड़ों के हिसाब से ये काफी खतरनाक बीमारी है। वहीं अभी तक इससे बचने के लिए कोई वैक्सीन या टीका भी नहीं बनाया जा सका है जिसकी वजह से ये और भी भयावह बीमारी बनी हुई है।

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आपको बता दें कि डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि डेंगू बुखार में मरीज़ की हड्डियों में इतना ज़्यादा दर्द होता है कि ऐसा अनुभव होता है कि उसकी हड्डियां टूट रही हों। बस इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि यह बीमारी कितनी ज़्यादा घातक हैं।

डेंगू बुखार के लक्षण (Symptoms of Dengue Fever in Hindi):

गले में हल्का-सा दर्द होना: गले में हल्का-हल्का दर्द और ख़राश भी रहती है। गला सूखा-सूखा भी रहता है। कई बार बुखार की वजह से गले में टॉन्सिल्स भी हो जाते हैं।

बहुत ज़्यादा कमज़ोरी लगना: डेंगू बुखार में मरीज़ को बहुत ज़्यादा कमज़ोरी का आभास होता है। उसे मन

भूख न लगना: डेंगू बुखार में दिन भर सोने से और थकान महसूस होने से भूख लगना बंद हो जाती है। जीभ का स्वाद भी चले जाने के कारण मरीज़ को और कुछ भी खाने का मन नहीं करता है। इस कारण से कमज़ोरी और भी बढ़ जाती है।

जी मचलाना और मुंह का स्वाद खराब होना: इस बुखार में मुंह में लार बनना कम हो जाता है और जीभ की स्वाद कोशिकाएं भी अपना काम करना कम कर देती हैं। 

ठंड लगने के बाद अचानक तेज़ बुखार चढ़ना: डेंगू बुखार अगर गर्मी या बारिश के मौसम में होता है, तो मरीज़ को इतनी ज़्यादा ठंड लगती है कि वो कंबल ओढ़े रहता है। उसी के साथ-साथ उसे एकदम से तेज़ बुखार आने लगता है। बुखार 102-103F आना डेंगू में सामान्य बात है।

शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज़ होना: इस बुखार में शरीर पर चकते और रेशेज़ हो जाते हैं। यह मुख्य रूप से चेहरे, गर्दन और छाती पर हो जाते हैं। इसके साथ खुजली की भी समस्या रहती है।

डेंगू की जांच और संकेत (Test Process and Sign in Hindi):

नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अखिलेश उपाध्याय का कहना है कि डेंगू की जांच में मरीज़ के खून में ऐंटीजन IgM और IgG व प्रोटीन NS-1 देखे जाते हैं। NS-1 की मौजूदगी से यह पता चलता है कि मरीज़ के अंदर डेंगू वायरस का इंफेक्शन है, लेकिन ज़रूरी नहीं कि उसे डेंगू फीवर हो। IgM और IgG में से अगर केवल IgG पॉज़िटिव है तो इसका मतलब है कि मरीज़ को पहले कभी डेंगू रहा है।

 

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